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अपराधफ्रांस

इंटरपोल: वित्तीय और साइबर अपराध से दुनिया की पुलिस चिंतित

२० अक्टूबर २०२२

इंटरपोल का कहना है कि दुनिया भर के ज्यादातर देशों में पुलिस वित्तीय और साइबर अपराधों को लेकर चिंतित हैं.

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साइबर हमले लगातार बढ़ रहे हैं
साइबर हमले लगातार बढ़ रहे हैंतस्वीर: Marko Lukunic/Pixsell/picture alliance

अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी इंटरपोल ने कहा है कि उसके लगभग 195 सदस्य देशों में से अधिकांश में पुलिस अधिकारी वित्तीय और साइबर अपराधों के बारे में चिंतित हैं और ऐसे अपराधों को दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन या इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियों में है.

इंटरपोल ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि आने वाले वर्षों में वैश्विक वित्तीय और साइबर अपराधों की दर और बढ़ने की संभावना है. संगठन के इतिहास में यह पहली बार है कि अंतरराष्ट्रीय पुलिस ने एक रिपोर्ट जारी की है जो अंतरराष्ट्रीय अपराध प्रवृत्तियों की पहचान करती है.

रिपोर्ट में इंटरपोल के महासचिव युरगेन स्टोक के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुलिस का प्रभावी प्रदर्शन अपराध की प्रकृति की समझ और प्रवृत्तियों पर आधारित है. इंटरपोल की ग्लोबल क्राइम ट्रेंड रिपोर्ट जनता के लिए जारी नहीं की गई है. यह केवल संगठन के सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उपलब्ध कराई जाएगी.

फैलता साइबर अपराध का जाल

रिपोर्ट के मुताबिक इंटरपोल सदस्य देशों में साक्षात्कार में शामिल 60 प्रतिशत से अधिक पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग, इंटरनेट के माध्यम से धोखाधड़ी, ई-मेल के माध्यम से धोखाधड़ी, फिशिंग के जरिए डेटा की चोरी और हैकर्स द्वारा दुर्भावनापूर्ण तरीके से किए गए साइबर हमले (या रैंसमवेयर) दिन ब दिन बड़े और बड़े खतरे बनते जा रहे हैं.

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ऐसे अपराधों के अपराधियों में विभिन्न वेबसाइटों पर हमला करने और उन्हें पंगु बनाने के लिए रैंसमवेयर या मैलवेयर का इस्तेमाल करने वाले हैकर हैं. अक्सर हमले का शिकार वेबसाइटों को फिरौती देनी पड़ती है जिसके बाद ही वह इस्तेमाल करने में सक्षम होती हैं.

इंटरपोल की रिपोर्ट कहती है कि यूरोप में राष्ट्रीय पुलिस एजेंसियों द्वारा 'सबसे बड़ा वर्तमान खतरा' माने जाने वाले अपराधों में ऑनलाइन धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और सिंथेटिक ड्रग्स शामिल हैं. अवैध ऑनलाइन व्यवसाय शीर्ष पर हैं.

इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए इंटरपोल के विशेषज्ञों ने दुनिया के विभिन्न देशों में पुलिस अधिकारियों का साक्षात्कार लिया. लगभग 75 प्रतिशत अधिकारियों को इस बात की बहुत चिंता थी कि अगले तीन से पांच वर्षों में इंटरनेट पर बच्चों के यौन शोषण की घटनाओं में वृद्धि होगी.

भारत में बढ़े साइबर अपराध

हाल के सालों में भारत में ऑनलाइन अपराध बढ़े हैं. फोन पर मेसेज भेजकर लोगों को अपराधी धन जीतने का लालच देकर या फिर बैंक खाता बंद होने की झूठी सूचना देकर बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं.

बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक का निर्देश कहता है कि अगर किसी बैंक खाते से अवैध निकासी की जाती है तो तीन दिन के अंदर अगर बैंक को इसकी शिकायत की जाए तो ग्राहक को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा, बशर्ते थर्ड पार्टी धोखाधड़ी बैंक या ग्राहक की चूक की वजह से नहीं, बल्कि बैंकिंग सिस्टम की किसी चूक की वजह से हुई हो.

साइबर धोखाधड़ी की वजह से बैंकों से उठ रहा है भरोसा

इसके साथ ही शिकायत की समय सीमा के अनुपात में बैंक की देनदारी तय की गई है. भारत के गृह मंत्रालय ने भी साइबर फ्रॉड से जुड़ी शिकायतों के निपटारे के लिए एक केंद्रीकृत हेल्पलाइन नंबर जारी किया हुआ है. इसका संचालन संबंधित राज्य की पुलिस द्वारा किया जाता है.

एए/वीके (डीपीए, रॉयटर्स)

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