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राजनीतिअफ्रीका

नाइजर ने एयरस्पेस बंद किया, सैन्य कार्रवाई की आशंका

७ अगस्त २०२३

अफ्रीकी देश नाइजर ने 'हस्तक्षेप की आशंका' को देखते हुए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है. सैन्य प्रशासन को अफ्रीकी देशों के संगठन इकोवास की तरफ से लोकशाही बहाल करने के लिए मिली समय सीमा खत्म होने के बाद यह कदम उठाया गया है.

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रविवार को सीएनएसपी के नेताओं ने रैली में समर्थकों का अभिवादन किया
रविवार को लोकशाही बहाल करने की समयसीमा खत्म हो गई जिसके बाद एयरस्पेस बंद किया गया हैतस्वीर: Balima Boureima/AA/picture alliance

इकोवास ने एक हफ्ते पहले चेतावनी जारी की थी कि नाइजर का सैन्य प्रशासन या तो लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए मोहम्मद बाजोम की सरकार बहाल करे या फिर सैन्य कार्रवाई का सामना करे. इसके लिए रविवार 6 जुलाई की मध्यरात्रि तक का समय दिया गया था. 26 जुलाई को बाजोम को उनके सुरक्षाबलों ने प्रेसिडेंसी में हिरासत में ले लिया था.

पड़ोसी देशों को चेतावनी

समयसीमा खत्म होने के तुरंत बाद जुंटा ने बयान जारी कर कहा है, "पड़ोसी देशों की तैयारी से हस्तक्षेप की आशंका स्पष्ट होने के बाद नाइजर का एयरस्पेस रविवार से सभी विमानों के लिए अगली सूचना तक बंद किया जा रहा है."

बयान में यह भी कहा गया है कि देश के एयरस्पेस का उल्लंघन करने की किसी भी कोशिश का "तत्काल और शक्तिशाली जवाब" दिया जाएगा.

नाइजर के सैन्य शासन को मान्यता देने से ईयू का इंकार

सत्ता पर काबिज नेशनल काउंसिल फॉर सेफगार्ड ऑफ होमलैंड यानी सीएनएसपी ने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि दो अफ्रीकी देश, "हस्तक्षेप के लिए तैयारी कर रहे हैं."

नाइजर की सीएनएसपी के समर्थक नारे लगाए हुए स्टेडियम में
इकोवास ने नाइजर के सैन्य प्रशासन को सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी हैतस्वीर: AFP

रविवार को राजधानी नियामे में सैन्य शासन के हजारों समर्थक ने रैली करके सीएनएसपी के पक्ष में नारा बुलंद किया. 30 हजार सीट वाले सेयनी कोउंट्जे स्टेडियम में जनरल मोहम तोउंबा समेत सीएनएसपी के नेताओं ने भीड़ का अभिवादन किया. स्टेडियम को रूसी झंडों से सजाया गया था और समर्थक हाथों में सीएनएसपी के नेताओं के पोस्टर लिए हुए थे.

सैन्य दखल की आशंका

इकोवास के सैन्य प्रमुख शुक्रवार को संभावित सैन्य दखल की एक योजना पर सहमत हो गए. 2020 से अफ्रीकी के साहेल क्षेत्र में कई सैन्य तख्तपलट हुए हैं इनमें नाइजर का संकट सबसे नया है. इकोवास के आयुक्त अब्देल फताउ मुसाह का कहना है, "हम चाहते हैं कि कूटनीति काम करे. हम उन्हें (सेना को) यह साफ संदेश देना चाहते हैं कि हम उन्हें वह हर मौका देंगे जिससे कि उन्होंने जो किया है वह उसे लौटा सकें."

नाइजर में फ्रेंच दूतावास पर हमला

नाइजर कभी फ्रांस का उपनिवेश रहा था. नाइजर के नये शासकों ने सत्ता संभालने के बाद फ्रांस से सैन्य संबंध तोड़ लिए हैं. फ्रांस का कहना है कि वह इकोवास की कार्रवाई में उसका पूरा साथ देगा. आइवरी कोस्ट ने सैन्य शासकों से सत्ता छोड़ने को कहा है. दूसरी तरफ नाइजर के साथ साझी सीमा रखने वाले अल्जीरिया ने सैन्य दखल के खिलाफ चेतावनी दी है. तकरीबन एक हजार किलोमीटर लंबी साझी सीमा होने की वजह से उसे खतरे का अंदेशा है. अल्जीरिया का कहना है कि सैन्य हस्तक्षेप का उस पर सीधा असर होगा.

रविवार को फ्रांस ने कहा कि वह बुरकीना फासो के लिए विकास सहायता स्थगित कर रहा है. बुरकीना फासो और माली ने कहा था कि नाइजर पर हमले को ये दोनों देश 'युद्ध छेड़ने' के रूप में देखेंगे. इन दोनों देशों में भी तख्तापलट के बाद से सैन्य शासन चल रहा है.

एनआर/एडी (एएफपी)