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समानताईरान

ईरान: "हिजाब उतारने" की अपील करने वाले गायक पर केस दर्ज

२८ अगस्त २०२३

ईरान में गायक मेहदी याराही पर कानूनी कार्रवाई शुरू हुई है. उन्होंने अपने नए गाने में महिलाओं को हिजाब उतारने के लिए प्रोत्साहित किया है. प्रशासन का कहना है कि यह "इस्लामिक समाज की नैतिकताओं और परंपराओं के खिलाफ है."

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तेहरान में सड़क पर खड़ी एक युवा प्रदर्शनकारी
यह तस्वीर 2022 के हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के समय की है. 22 साल की महसा अमीनी की मौत से भड़के गुस्से ने ईरान में लोगों को एकजुट किया. महिलाओं के नेतृतव में हुआ हिजाब विरोधी प्रदर्शन, निजी और धार्मिक आजादी के साथ-साथ लोकतंत्र के समर्थन का बड़ा जन आंदोलन बन गया. तस्वीर: SalamPix/ABACA/picture alliance

गाने की पंक्तियों में कहा गया कि ईरान की जनता चाहती है कि हिजाब को वैकल्पिक बनाया जाए. यानी, इसे पहनना है या नहीं, इसका चुनाव लोग करें.

इस फारसी गाने की पंक्तियों का भाव कुछ यूं है, "अपना हिजाब उतार दो, सूरज डूब रहा है. अपना हिजाब उतार दो, तुम्हारी खुशनुमा सुगंध हवाओं में भर रही है. उतार दो अपने हिजाब, अपने बाल लहराने दो. डरो मत, मेरी प्यारी हंसो, आंसुओं के खिलाफ आवाज बुलंद करो."

गाने के वीडियो में महिलाएं बिना हिजाब पहने नाचती नजर आती हैं. इसमें पिछले साल हुए ईरान में हुए हिजाब विरोधी प्रदर्शनों की भी फुटेज है, जिनमें महिलाएं हिजाब को आग में जलाती दिखाई दे रही हैं.

25 अगस्त को गाना जारी करते हुए मेहदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो भी डाला. इसमें वीडियो शुरू होने के पहले एक संदेश था, "हिजाब को वैकल्पिक बनाना, ईरान की उस शोषित आवाम की कई गंभीर मांगों में से एक है जिन्होंने आजादी और लोकतंत्र हासिल करने के लिए कई अपनों का बलिदान दिया है."

फिर मेहदी अपना गाना महिलाओं को समर्पित करते हुए लिखते हैं, "मेरे वतन की शानदार महिलाओं को समर्पित, जो "वुमन, लाइफ, फ्रीडम" आंदोलन की अगली पांत में बहादुरी से जगमगा रही हैं."

हिजाब "दमन का प्रतीक"

मेहदी याराही ईरान के जाने-माने पॉप गायक हैं. 2018 के फज्र फेस्टिवल में उन्हें बेस्ट पॉप सिंगर का पुरस्कार भी मिला था. यह ईरान का सबसे अहम सालाना फिल्म उत्सव है, जो संस्कृति मंत्रालय की देखरेख में आयोजित किया जाता है.

हालांकि हालिया सालों में मेहदी, प्रशासन की आलोचना करते आए हैं. पिछले साल 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद भड़के विद्रोह में उनका एक गाना "विमिन्स ऐंथम" जनगीत बन गया था. मीजान न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मेहदी पर शुरू हुई हालिया कानूनी कार्रवाई में उस गाने से जुड़े आरोप भी शामिल किए जाएंगे.

महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में बड़े स्तर पर हिजाब विरोधी प्रदर्शन हुए.
ईरान के हिजाब विरोधी प्रदर्शनों को दुनियाभर से समर्थन मिला. दिसंबर 2022 की यह तस्वीर फ्रांस की है. ये तस्वीरें उन लोगों की है, जो ईरान में प्रदर्शनों के बाद मारे गए. तस्वीर: Remon Haazen/ZUMA Press Wire/picture alliance

ईरान में महिलाओं के लिए सिर ढकना अनिवार्य है. इससे जुड़ी अनुशंसाओं ने 1983 में कानून की शक्ल ली. ईरान की मोरैलिटी पुलिस बहुत सख्ती से "इस्लामिक ड्रेस कोड" का पालन करवाती है. उल्लंघन की स्थिति में कैद तक हो सकती है.

हिजाब का विरोध भी नया नहीं है. बड़ी संख्या में महिलाओं का कहना है कि हिजाब "जुल्म का प्रतीक" बन गया है. हालांकि हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में विरोध बस हिजाब तक सीमित नहीं था. यह आजादी और लोकतंत्र का भी आंदोलन था.

औरतों को हिजाब पहनने को मजबूर करने के लिए क्या कर रहा ईरान

एसएम/सीके (एएफपी, ईएफई)