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2021, 2022 में भी किया था चीन की सेना ने एलएसी पर हमला

चारु कार्तिकेय
१६ जनवरी २०२४

जून, 2020 में गलवान मुठभेड़ के बाद 2021 और 2022 में भी एलएसी पर चीन की सेना ने हमले किए. यह जानकारी भारतीय सेना के बहादुरी पुरस्कारों के कुछ वीडियो में सामने आई है, जिन्हें सेना ने खुद यूट्यूब पर डाला और फिर हटा लिया.

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भारतीय सेना का सिपाही
2020 में एलएसी पर मुठभेड़ के बाद कश्मीर में तैनात भारतीय सेना का सिपाहीतस्वीर: Sajad Hameed/Pacific Press/picture alliance

जून, 2020 में गलवान मुठभेड़ के बाद 2021 और 2022 में भी एलएसी पर चीन की सेना ने हमले किए. यह जानकारी भारतीय सेना के बहादुरी पुरस्कारों के कुछ वीडियो में सामने आई है, जिन्हें सेना ने खुद यूट्यूब पर डाला था. सेना ने ये वीडियो अब यूट्यूब से हटा लिए हैं.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हाल ही में भारतीय सेना की पश्चिमी कमांड और केंद्रीय कमांड ने अपने अपने अलंकरण समारोहों का आयोजन किया था. समारोहों में दोनों कमांड के सैनिकों को बहादुरी पुरस्कार दिए गए. इस तरह के समारोहों में पुरस्कार देते समय उल्लेख पढ़ा जाता है जिसमें उस घटना का विवरण दिया जाता है जिसमें दिखाई गई बहादुरी के लिए पुरस्कार दिया जाता है.

भारतीय चौकी पर हमला

इन दोनों समारोहों में पढ़े गए उल्लेखों में यह बात सामने आई कि गलवान, 2020 के बाद 2021 और 2022 में भी चीन की सेना (पीएलए) ने एलएसी पर कम से कम दो बार हमला किया. टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार के मुताबिक 2021 और 2022 में एलएसी पर दोनों सेनाएं कई बार एक दूसरे के सामने आईं.

अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एलएसी तक जाने वाला रास्तातस्वीर: Mustafa Quraishi/AP/picture alliance

अखबार ने इन घटनाओं के बारे में विस्तार से नहीं बताया है, लेकिन उसके मुताबिक पश्चिमी कमांड द्वारा यूट्यूब पर इस वीडियो के डाले जाने से पहले इन घटनाओं की कोई जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं थी. अखबार ने यह भी कहा है कि जब वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा होने लगी तो सेना ने उसे यूट्यूब से हटवा दिया.

ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक सात जनवरी, 2022 को एलएसी पर भारतीय सेना की एक चौकी पर पीएलए के कुछ सिपाहियों ने हमला कर दिया. चौकी पर तैनात सिख लाइट इन्फैंट्री की आठवीं बटालियन के सिपाही रमन सिंह ने चीनी सिपाहियों को रोका, जिसके बाद उनके बीच हाथापाई हुई.

सिंह ने चीनी सिपाहियों को घायल कर दिया और उनकी बंदूकें भी छीन लीं, जिसके बाद वो चीन की सीमा में वापस लौट गए. इस बहादुरी के लिए सिंह को सेना मेडल (गैलेंट्री) दिया गया. ट्विटर पर उन्हें पुरस्कार दिए जाने की वीडियो क्लिपिंग भी मौजूद है.

घुसपैठ की बड़ी कोशिश

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक 27 नवंबर, 2022 को पीएलए के 50 सैनिकों ने एलएसी पार करने की और भारतीय सेना की एक चौकी पर कब्जा करने की कोशिश की. जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 19वीं बटालियन के नायब सूबेदार बलदेव सिंह के नेतृत्व में सेना की एक टुकड़ी ने इन चीनी सैनिकों का मुकाबला किया और 15 चीनी सैनिकों को घायल कर दिया.

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इस अभियान में सिंह घायल भी हो गए. इस बहादुरी के लिए उन्हें सेना मेडल (गैलेंट्री) दिया गया. बटालियन के कमांडिंग अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल पुश्मीत सिंह को भी सेना मैडल (गैलेंट्री) दिया गया. एक और आलेख में बताया गया कि लेफ्टिनेंट कर्नल सिंह की कोशिशों की वजह से पीएलए की एलएसी पर घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश नाकाम हो गई. दोनों सेनाओं के बीच यह गतिरोध दो दिनों तक चला.

ट्रिब्यून अखबार ने आगे लिखा है कि इन अभियानों के अलावा भारतीय सेना ने एलएसी पर कई गुप्त अभियान भी पूरे किए, जिनमें से कुछ के तहत तो भारतीय सैनिक "चीनी इलाके के काफी अंदर" तक गए और अभियान पूरा कर वापस आए.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इन सभी अभियानों की जब सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी तो पश्चिमी कमांड ने इस वीडियो को यूट्यूब से हटा लिया. ट्रिब्यून के मुताबिक उत्तरी कमांड अभी भी वीडियो हटाने की कोशिश कर रहा है. सेना ने इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये वीडियो क्यों डाले गए और बाद में हटा क्यों दिए गए.