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विदेश में नौकरी के नाम पर चीनी माफिया चला रहा स्कैम फैक्टरी

लुइस सैंडर्स | यूलिया बायर
३१ जनवरी २०२४

केके पार्क, एशिया के सबसे खूंखार स्कैमिंग सेंटर में से एक है. यहां लोगों को धोखे से लाकर स्कैम करने के लिए मजबूर किया जाता है. इनकार करने वालों को यातना दी जाती है, भूखा रखा जाता है और यहां तक कि हत्या तक कर दी जाती है.

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थाई-म्यामांर सीमा पर बने इस परिसर से दुनियाभर में लोगों को स्कैम किया जाता है.
हजारों की संख्या में लोगों को तस्करी कर केके पार्क लाया जा चुका है. डीडब्ल्यू ने यहां से निकले कई सर्वाइवरों से बात की. तस्वीर: Stefan Czimmek/DW

एरन को अपनी किस्मत पर भरोसा नहीं हुआ. तेजी से उभर रही थाइलैंड की एक टेक कंपनी ने एरन को उनकी मनचाही नौकरी का प्रस्ताव दिया. वेतन काफी ज्यादा था, कई और फायदे भी गिनाए थे. उनके लिए यह दक्षिणी अफ्रीका में अपने निराशाजनक भविष्य से बाहर निकलने की एक राह थी. एरन बताते हैं, "मैं विदेश में नौकरी करना चाहता था. और एक दिन मुझसे संपर्क किया गया. बैंकॉक पहुंचने तक मुझे लग रहा था कि सब वैध है."  

हवाईअड्डे पर एरन का जोरदार स्वागत हुआ और उन्हें एक कार में बिठाया गया. उनके साथ पूर्वी अफ्रीका से आए दो अन्य युवा भी थे. एरन कहते हैं, "हमें एक होटल ले जाया जाना था, जो हवाईअड्डे से बमुश्किल 10 मिनट की दूरी पर था. लेकिन कार अलग ही रास्ते पर चल पड़ी."

करीब आठ घंटे की यात्रा के बाद ड्राइवर उन्हें लेकर मे सोट पहुंचा, जो कि थाइलैंड की सीमा पर बसा एक शहर है. यहां से एरन और साथी युवाओं को मोई नदी पार कराकर अवैध तरीके से म्यांमार लाया गया. एरन याद करते हैं, "वहां लोग थे, जिनके पास बंदूकें थीं. उन्होंने हमसे नाव में बैठने को कहा और हमने नदी पार की." 

म्यांमार: मानव तस्करी का गढ़

एरन और उनके साथ के युवाओं को तस्करी कर एक जेलनुमा परिसर में लाया गया, जिसका नाम केके पार्क था. यहां हजारों लोगों से जबरन अपराध करवाया जा रहा था. उन्हें अमेरिका, यूरोप और चीन में लोगों को ठगने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि म्यांमार के स्कैम सेंटरों में एक लाख से ज्यादा लोगों से जबरन काम करवाया जा रहा है.

डीडब्ल्यू की इन्वेस्टिगेटिव यूनिट इस परिसर से बचकर निकलने में सफल रहे कई लोगों से मिली. इन लोगों ने बड़े स्तर पर निगरानी किए जाने, यातना देने और यहां तक कि साप्ताहिक हत्याओं जैसी घटनाओं का ब्योरा दिया. पश्चिम अफ्रीकी देश के रहने वाले एक व्यक्ति लूकास ने बताया, "हम दिन में 17 घंटे काम करते थे. कोई शिकायत नहीं, कोई छुट्टी नहीं, बिल्कुल आराम नहीं. और अगर हम कहते कि हमें घर जाना है, तो वो कहते थे कि या तो हमें बेच देंगे या मार डालेंगे."

लेकिन इन क्रूर गतिविधियों के पीछे है कौन?

केके पार्क की उपग्रह से ली गई तस्वीरें.
सैटेलाइट तस्वीरें केके पार्क का विस्तार दिखाती हैं. बाईं तरफ की तस्वीर 18 फरवरी 2020 की है. दाहिनी फोटो 17 जनवरी 2024 की है. तस्वीर: Maxar Technologies provided by European Space Imaging

स्थानीय ताकतों की भूमिका

डीडब्ल्यू ने परिसर के अंदर से ली गई एक्सक्लूसिव तस्वीरों की समीक्षा की और ऐसे कई सर्वाइवरों से बात की, जिन्हें यहां कैद रखा गया था. उन सबने पहरेदारों की वर्दियों पर लगे बिल्ले को पहचाना.

ये बिल्ले, म्यांमार के सीमा सुरक्षा बल के बैज हैं. यह पूर्व बागियों का एक समूह है, जिसने करीब एक दशक पहले म्यांमार के सैन्य शासन (मिलिटरी हुंटा) के साथ लड़ाई बंद कर दी थी. इसके बदले उन्हें अपने इलाकों में बेरोकटोक शासन का अधिकार मिला. उनके सैनिक केके पार्क में मौजूद हैं. लेकिन कई सूत्रों के मुताबिक, इस समूची कवायद के असली मालिक चीन के हैं.

केके पार्क से जुड़े क्रिप्टो के निशान

इन्वेस्टिगेटिव यूनिट ने फर्जीवाड़े के शिकार कई पीड़ितों से लिए गए पैसों की पूरी आवाजाही की पड़ताल की, यह जानने के लिए पैसा कहां गया. ये मनी ट्रेल क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स तक ले गए, जिसे केके पार्क ने पीड़ितों से ली गई रकम जमा करने के लिए इस्तेमाल किया था. यहां से फंड को दूसरे वॉलेटों में भेजा गया. इन वॉलेटों की भूमिका डिजिटल खातों जैसी थी और इनमें क्रिप्टोकरेंसी जमा की जाती थी.

इनमें से एक वॉलेट को वांग यी चेंग नाम के एक शख्स ने खोला. वांग चीन का एक कारोबारी है और थाइलैंड में रहता है. केके पार्क के इस्तेमाल किए गए वॉलेटों से चेंग को लाखों डॉलर की कीमत की क्रिप्टोकरेंसी मिली. वांग, विदेश में रह रहे चीनी कारोबारियों के उस विशाल नेटवर्क का हिस्सा हैं, जिसका सिरा चीन के एक कुख्यात माफिया बॉस से जुड़ता है.

जब वांग को केके पार्क के वॉलेटों से फंड भेजा जा रहा था, तब वह थाई-एशिया इकोनॉमिक एक्सचेंज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष थे. यह संगठन बैंकॉक में चीन और थाइलैंड के रिश्तों को बढ़ावा देता है. इस संगठन का ऑफिस जिस इमारत में है, वहीं ओवरसीज हॉन्गमैन कल्चर एक्सचेंज सेंटर भी है. 2023 में बैंकॉक के एक अन्य हॉन्गमैन सेंटर के साथ-साथ पुलिस ने इस सेंटर पर भी छापा मारा था. आरोप था कि गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे ये केंद्र चीन के संगठित अपराध वाले नेटवर्क से जुड़े हैं.

वान कुओक कोई, उर्फ 'ब्रोकन टूथ' ने 2018 में वर्ल्ड हॉन्गमैन हिस्ट्री एंड कल्चर एसोसिएशन शुरू किया था. संगठित अपराध के साथ जुड़े होने के कारण अमेरिका ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया.
मकाऊ में संगठित अपराध से जुड़े होने के कारण वान कुओक एक दशक से ज्यादा वक्त तक जेल में रह चुका है. तस्वीर: AFP/dpa/picture-alliance

चीन से जुड़े तार

ये संगठन 'वान कुओक कोई' उर्फ 'ब्रोकन टूथ' के साथ करीब से जुड़े हैं. वान ने 2018 में वर्ल्ड हॉन्गमैन हिस्ट्री एंड कल्चर एसोसिएशन शुरू किया था. संगठित अपराध के साथ जुड़े होने के कारण अमेरिका ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया.

वान का हॉन्गमैन संगठन चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ड एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) योजना को भी बढ़ावा देता है. खरबों डॉलर की इस परियोजना का मकसद चीन को वैश्विक अर्थव्यवस्था में और गहराई तक जोड़ना है. इसे नया सिल्क रोड भी कहते हैं.

अमेरिका के इंस्टीट्यूट फॉर पीस में संगठित अपराध मामलों के प्रमुख विशेषज्ञ जेसन टावर ने डीडब्ल्यू को बताया, "वान कुओक कोई की एक पंक्ति है, जिसे वो अक्सर इस्तेमाल करते हैं. वान कहते हैं कि पहले वह कार्टेल्स के लिए लड़ते थे और अब वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए लड़ते हैं."

केके पार्क जिस इलाके में बनाया गया, वह चीन के बीआरआई निवेश से जुड़ा मुख्य इलाका है. चीन की सरकारी रिपोर्टों ने केके पार्क के नजदीकी इलाकों में बीआरआई के तहत हुए विकास कार्यों की तारीफ की, लेकिन बाद में जब बड़े स्तर पर धोखेबाजी के आरोप लगे, तो इससे दूरी बना ली. चीन के आधिकारिक संदेशों में केके पार्क का जिक्र नहीं मिलता है. ना ही इस इलाके की दूसरी विकास योजनाओं की तरह यहां कोई बड़े आयोजन होते हैं. केके पार्क को खास धोखाधड़ी के मकसद से बनाया गया है.

बैंकॉक में नदी किनारे से नजर आ रहीं बहुमंजिला इमारतें
चीन के आपराधिक संगठनों ने बैंकॉक को केक पार्क की गतिविधियों से जुड़े गढ़ के तौर पर इस्तेमाल किया है. तस्वीर: Stefan Czimmek

केके पार्क का बढ़ता नेटवर्क

केके पार्क की स्कैमिंग से जुड़ी गतिविधियों का सिरा ऐसे कारोबारों और संगठनों से जुड़ता है, जिनकी मदद से अपराधी अपने कारनामों को वैध रूप देते हैं. इस तरह गैरकानूनी तरीके से हासिल की गई बड़ी रकम की 'मनी लॉन्ड्रिंग' होती है. यह नेटवर्क दक्षिणपूर्व एशिया से अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में फैल रहा है.

जेसन टावर बताते हैं, "हम देख रहे हैं कि ये आपराधिक नेटवर्क और ज्यादा ताकतवर और ज्यादा से ज्यादा प्रभावशाली होते जा रहे हैं. दुनियाभर के अलग-अलग देशों में इनकी पैठ गहरी होती जा रही है." जेसन आगाह करते हैं कि कानूनी एजेंसियों के हाथ अभी इस विशाल नेटवर्क के बेहद छोटे हिस्से तक ही पहुंच पाए हैं.

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