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कोविड-19 उत्पत्ति की जांच योजना को चीन ने खारिज किया

२२ जुलाई २०२१

दिसंबर 2019 में मध्य चीनी शहर वुहान में कोरोना वायरस के पहले ज्ञात मामले सामने आए थे. चीन से फैले इस वायरस ने देखते ही देखते पूरी दुनिया को जकड़ लिया. लाखों लोगों की मौत हुई और करोड़ों लोग संक्रमित हुए.

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तस्वीर: MAXPPP/dpa/picture alliance

कोविड-19 की उत्पत्ति कहां से हुई इस बारे में अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन इस महामारी ने पूरी दुनिया में भारी त्रासदी मचाई है. दुनिया भर में अब तक 19.19 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 41.26 लाख लोगों की मौत हो गई है, जबकि 12.62 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए.

चीन के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि चीन ने गुरुवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की कोरोनो वायरस की उत्पत्ति की जांच के दूसरे चरण की योजना को खारिज कर दिया है, जिसमें यह अटकलें भी शामिल हैं कि वह चीनी प्रयोगशाला से फैला हो सकता है. डब्ल्यूएचओ ने इस महीने चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति के अध्ययन के दूसरे चरण का प्रस्ताव रखा था, जिसमें वुहान शहर में प्रयोगशालाओं समेत बाजारों का ऑडिट शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ ने अधिकारियों से पारदर्शिता की मांग की थी.

डब्ल्यूएचओ की योजना से चीन हैरान

चीन के उप स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जेंग यिशिन ने गुरुवार को इस योजना को लेकर कहा, "हम इस तरह की उत्पत्ति पता करने की योजना को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि यह कुछ पहलुओं, सामान्य ज्ञान का असम्मान करता है और विज्ञान की भी अवहेलना करता है." जेंग ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार डब्ल्यूएचओ की योजना पढ़ी तो वह हैरान रह गए क्योंकि यह प्रयोगशाला के चीनी नियमों की परिकल्पना को सूचीबद्ध करता है कि शोध के कारण वायरस लीक हो गया था.

क्या कभी सच सामने आ पाएगा

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने इससे पहले जुलाई में कहा था कि चीन में कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर जांच शुरूआती दिनों के डेटा की कमी से बाधित हुई थी. जेंग ने चीन की उस स्थिति को दोहराया कि कुछ डेटा गोपनीयता की चिंताओं के कारण पूरी तरह से साझा नहीं किया जा सकता. जेंग के मुताबिक, "हमें उम्मीद है कि डब्ल्यूएचओ गंभीरता से विचारों की समीक्षा करेगा और चीनी विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझाव और वास्तव में इसकी उत्पत्ति को लेकर पता लगाना एक वैज्ञानिक मसला है और राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्ति मिलनी चाहिए."

उन्होंने कहा चीन ने अध्ययन के राजनीतिकरण का विरोध किया है. विशेषज्ञों के बीच वायरस की उत्पत्ति को लेकर विवाद बना हुआ है. साल 2019 में मध्य चीनी शहर वुहान में कोरोना वायरस का पहला ज्ञात मामला सामना आया था. ऐसा माना जाता है कि यह वायरस शहर के एक बाजार में भोजन के लिए बेचे जा रहे जानवरों के मांस से इंसानों तक पहुंचा था. मई में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडने ने खुफिया एजेंसियों से कहा था कि वे कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच को लेकर कोशिशें तेज करें.

उन्होंने एजेंसियों से वायरस की उत्पत्ति की गहराइयों से जांच करने का आदेश दिया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल की शुरुआत में वायरस की उत्पत्ति की जांच शुरू की थी और एक जांच दल को वुहान भेजा गया था. लेकिन दल जानवर के स्रोत को निर्धारित नहीं कर सका. ऐसी चिंताएं थीं कि चीन जांच में उतना सहयोग नहीं कर रहा था जितना कि वह कर सकता था. लेकिन डब्ल्यूएचओ की टीम ने जांच के बाद निर्धारित किया कि लैब से वायरस का प्रसार "बेहद नामुमकिन" है.

एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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