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तकनीकविश्व

खेलों में AI का इस्तेमाल क्या सफलता की गारंटी है?

थोमस क्लाइन
३ नवम्बर २०२३

खेल बदल रहा है. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस यानी एआई और एल्गोरिदम एथलीटों को उनके प्रदर्शन की नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं. हालांकि, एआई अभी तक मानवीय पहलू की जगह लेने में सक्षम नहीं है, लेकिन कब तक?

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Symbolbild KI Künstliche Intelligenz
एआई तकनीक अभी अपनी शुरुआती अवस्था में ही है, लेकिन यह उच्च प्रदर्शन वाले खेलों को बदल रही है.तस्वीर: Knut Niehus/chromorange/picture alliance

अभिजात्य या विशिष्ट खेल, जुनून और अप्रत्याशित परिणामों के बारे में हैं. कोच अपनी अंतरात्मा के आधार पर निर्णय लेते हैं और खेल को प्रभावित करते हैं. यह हमेशा से ऐसा ही रहा है, हाल-फिलहाल तक. लेकिन अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस अभिजात्य स्तर पर कोचिंग को प्रभावित करने लगी है. लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि क्या इसका उपयोग खेलों को कहीं अधिक पूर्वानुमानित और कम भावनात्मक तो नहीं बना देगा?

खेलों का विश्लेषण करने के लिए डेटा का उपयोग वर्षों से किया जा रहा है, लेकिन जब मूल्यांकन की बात आती है, तो कोच तेजी से अपनी क्षमता की सीमा तक पहुंच रहे हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि गेम डेटा अधिक सटीक और व्यापक होता जा रहा है. यह वह क्षेत्र है, जहां एआई को भविष्य में मदद करनी चाहिए.

कोलोन में जर्मन स्पोर्ट यूनिवर्सिटी के खेल वैज्ञानिक डैनियल मेमर्ट कहते हैं, "कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर और मशीनों द्वारा निष्पादित एक ऐसी तकनीक है, जिसके लिए सामान्य रूप से मानव बुद्धि की जरूरत होती है. लेकिन आमतौर पर लोगों के लिए यह बहुत जटिल होता है. यहएआई सिस्टम खेल के पैटर्न को स्वायत्त रूप से पहचानने और निष्पक्ष रूप से मूल्यांकन करने के लिए डेटा और एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं.”

मेमर्ट कहते हैं कि यह वास्तव में वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है, जो एक कोच के व्यक्तिपरक मूल्यांकन से अलग होता है.

Deutsche Sporthochschule Köln 2015 | Daniel Memmert, Leiter Institut für Kognitions- und Sportspielforschung
डैनियल मेमर्ट व्यायाम प्रशिक्षण और खेल सूचना विज्ञान संस्थान के प्रमुख हैंतस्वीर: Henning Kaiser/dpa/picture alliance

क्या इंसानों की जगह ले लेगा एआई?

एआई ने डेटा-आधारित विश्लेषण के क्षेत्र में क्रांति ला दी है और सामरिक फैसलों, चोट की रोकथाम और प्रशिक्षण भार पर काफी प्रभाव डाल रहा है.

मेमर्ट बताते हैं, "स्पोर्ट्स क्लबों ने एआई के उपयोग को बेरहमी से बढ़ाया है. क्लबों को एहसास हुआ है कि वे जो डेटा एकत्र करते हैं, उससे वे कितना कुछ कर सकते हैं.”

खेल क्लब भी अपनी विशेषज्ञता का विस्तार कर रहे हैं. किसी विशिष्ट खेल में अनुभव वाले लोगों को रोजगार देने के बजाय क्लब ज्यादा से ज्यादा प्रोग्रामर और कंप्यूटर वैज्ञानिकों का रुख कर रहे हैं.

मेमर्ट कहते हैं, "साल 2017 में बार्सिलोना ने 15 नए डेटा और वीडियो विश्लेषकों के साथ-साथ डेटा वैज्ञानिकों को भी नियुक्त किया. एआई सिस्टम के उपयोग से विशिष्ट खेलों में अधिक लोग काम करेंगे, कम नहीं.”

जैसा कि मेमर्ट बताते हैं कि टीमों को हमेशा ऐसे विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी, जो खेल को वास्तव में अच्छी तरह से जानते हों और जो एआई द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी और मैट्रिक्स के साथ काम कर सकें.

Sports Life
खेलों से जुड़े डेटा का एआई से विश्लेषण करने पर जो नतीजे मिलते हैं, उससे खिलाड़ियों को मदद मिलती है, लेकिन साथ में डर भी है कि क्या इससे इंसानों की जरूरत खत्म हो जाएगी.तस्वीर: DW

एआई की मदद से स्काउटिंग कर रहा शाल्के

इस बीच एआई का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है. जर्मनी के बुंडेसलीगा क्लब शाल्के में स्काउट्स नए खिलाड़ियों की खोज में मदद के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं.

शाल्के के खेल निदेशक पीटर नैबेल ने जर्मन पब्लिक ब्रॉडकास्टर ZDF को बताया, "हमने अपनी स्काउटिंग में करीब 40 मूल्यों को परिभाषित किया है और उनमें से तीन के लिए हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई का उपयोग करते हैं. इससे हम तय करते हैं कि क्या ये वे मूल्य हैं, जो हमारे लिए अंतर पैदा करते हैं. मिसाल के लिए आप किसी खिलाड़ी के स्थान बदलने के व्यवहार को परिभाषित करते हैं. उदाहरण के लिए, वह सटीकता जिसके साथ वह गेंद को पास करता है.”

इस तरह यह देखना आसान है कि क्या एक फुटबॉलर का मूल्य उसी खिलाड़ी की ही तरह है, जो अब इस दुनिया में नहीं है. फिर भी अंतिम निर्णय अब भी स्काउट और प्रशिक्षकों पर निर्भर है. इस मामले में एआई संभावित शाल्के खिलाड़ियों के बेहतर आकलन करने का एक और तरीका है.

Deutschland Handballverein SG Flensburg-Handewitt | Spiel HBW Balingen-Weilstetten
एसजी फ्लेन्सबर्ग-हैंडविट खेल के विश्लेषण में एआई की मदद लेते हैं.तस्वीर: Marcel von Fehrn/Eibner-Pressefoto/picture alliance

'एक छोटे बच्चे की तरह है एआई'

हैंडबॉल में भी इंटेलिजेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. सालों से हैंडबॉल बुंडेसलिगा के खिलाड़ियों ने सेंसर पहने हुए हैं, जो तय की गई दूरी, गति, खेल की स्थिति और बायोमेट्रिक डेटा सहित लाखों जानकारी एकत्र करते हैं.

कोच माइकल डोरिंग कहते हैं, "हम कंप्यूटर को यह जानकारी देते हैं, ताकि वह सीख सके कि हैंडबॉल गेम कैसे काम करता है. शुरुआत में सिस्टम एक छोटे बच्चे की तरह है, जो यह सीखता है कि डेटा के साथ खेल को बेहतर ढंग से कैसे समझा जाए.”

पिछले दो वर्षों में हैंडबॉल के करीब 600 मैचों का डेटा एआई में एकट्ठा किया गया है. एसजी फ्लेन्सबर्ग-हैंडविट के सिस्टम ने खेल के बारे में काफी ज्ञान अर्जित किया है और क्लब के डेटा विश्लेषण में एआई अब किसी लक्ष्य की संभावना का भी अनुमान लगा सकता है.

इसका मतलब है कि डोरिंग और उनके सहयोगी देख सकते हैं कि किस स्थान पर कौन से खिलाड़ी के पास स्कोर करने का सबसे अच्छा मौका है.

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एआई को जितना अधिक डेटा दिया जाता है, उसका विश्लेषण उतना ही ज्यादा तार्किक होता जाता है.तस्वीर: Science Photo Library/IMAGO

खेल वैज्ञानिक और कोच डोरिंग डीडब्ल्यू से बातचीत में कहते हैं, "लाइन प्लेयर कहां होना चाहिए? हमें दूसरी वेव कैसे शुरू करनी चाहिए? ये ऐसी चीजें हैं, जहां हमने अचानक वैल्यू एडिशन किया है. यह एक अतिरिक्त सलाहकार की तरह है और हम अपने सिस्टम को और अधिक सफल बनाने के लिए इस डेटा-आधारित दृष्टिकोण का उपयोग कर सकते हैं.”

डोरिंग पहले हैंडबॉल कोच हुआ करते थे और अब फ्लेन्सबर्ग के विशेषज्ञों की टीम में डेटा और कोच के बीच एक समन्वयक के रूप में काम करते हैं. इसकी वजह यह है कि एआई में डाली गई सभी जानकारी किसी खेल में प्रशिक्षण या सामरिक दृष्टिकोण के लिए सहायक नहीं होती है.

वह कहते हैं, "हम अभ्यास से प्रश्न लेते हैं और उन्हें सिद्धांत में शामिल करते हैं. जो ज्ञान हमें एआई आधारित विश्लेषण से मिलता है, उसे हमें इस तरह से पैकेज करना होता है कि आप अभ्यास में भी इसके साथ कुछ कर सकें.”

हैंडबॉल खिलाड़ियों को उम्मीद है कि भविष्य में एआई के उपयोग से उन्हें न केवल सामरिक प्रश्नों में मदद मिलेगी, बल्कि एक ऐसी टीम तैयार करने में भी मदद मिलेगी, जिसकी सफलता की संभावना सबसे ज्यादा होगी.

एआई जितना जटिल होता है, उतना ही तार्किक बनता जाता है

फिर भी एआई-आधारित डेटा का उपयोग अब भी प्रारंभिक अवस्था में है. मौजूदा प्रणाली उतनी ही बुद्धिमान है, जितनी उसे लोगों से प्राप्त जानकारी होती है. हालांकि, यह तेजी से विकास करना, खेल को और अधिक डिजिटल बनाना और खुद में बदलाव करना जारी रखेगा.

मेमर्ट कहते हैं, "मैदान पर जितने ज्यादा खिलाड़ी होते हैं, पैटर्न उतना ही ज्यादा जटिल होता है. इसलिए जितने अधिक लोग किसी खेल में सक्रिय होते हैं, उतनी अधिक मात्रा में डेटा एकत्र किया जा सकता है और इस डेटा को स्मार्ट तरीके से संसाधित करना उतना ही अधिक समझ में आता है.”

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