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अफ्रीका की खाद्य आपूर्ति को सहारा देता नॉर्वे का बीज भंडार

२३ नवम्बर २०२३

अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने नॉर्वे में आर्कटिक के बर्फीले इलाके में स्थित स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट में काफी गहराई में कीमती बीज संरक्षित किए हैं. ये संरक्षित बीज आपदा की स्थिति में भोजन के काम आएंगे.

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नॉर्वे में आर्कटिक के बर्फीले इलाके में स्थित स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट
नॉर्वे में आर्कटिक के बर्फीले इलाके में स्थित स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्टतस्वीर: Jens Büttner/dpa/picture alliance

नॉर्वे में स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट की देखभाल करने वाले नॉर्वे के जीववैज्ञानिक ऑसमुंड आसडाल कहते हैं, "हमें दुनिया भर के 15 बीज बैंकों से बीज के 60 बक्से प्राप्त हुए हैं." वो आगे बताते हैं, "बक्से सील कर दिए गए हैं और अब हम उन्हें हवाई अड्डे की सुरक्षा प्रणाली में स्कैन कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनमें केवल बीज ही हैं."

नॉर्वे के स्वालबार्ड द्वीपसमूह में स्थित स्पिट्सबर्गेन द्वीप के पर्माफ्रॉस्ट में पौधे का डीएनए माइनस 18 डिग्री सेल्सियस यानी करीब शून्य डिग्री फारेनहाइट तापमान पर संग्रहित किया गया है. इस गोदाम को प्रलय जैसी आपदा में दुनिया की खाद्य आपूर्ति को बचाने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने के मकसद से डिजाइन किया गया है.

फिलहाल यहां विभिन्न खाद्यान्नों और सब्जियों के करीब 12 लाख नमूने हैं जिनमें ज्वार, गेहूं, सेम, मक्का शामिल हैं. हाल ही में कुछ जर्मन सब्जियों के बीज भी संरक्षित किए गए हैं.

आसडाल एक दिन सुबह-सुबह दुनिया के सबसे उत्तरी शहर लॉन्गइयरब्येन के हवाई अड्डे के लिए निकले जो कि उत्तरी ध्रुव से करीब 1500 किलोमीटर दूर आर्कटिक महासागर के बीच में एक छोटी सी बस्ती है. और आज उनका मिशन दुनिया भर से 12,000 फसलों के कीमती बीजों को आर्कटिक सीड वॉल्ट में 130 मीटर गहराई में सील कर देना है.

सुबह का वक्त है और नाइजीरिया के एक पादप वैज्ञानिक मायोवा ओलुबियी हवाई अड्डे की एक्स-रे मशीन के सामने आसडाल के साथ खड़े हैं. ओलुबियी नाइजीरियाई शहर इबादान में नेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक रिसोर्सेज एंड बायोटेक्नोलॉजी के प्रतिनिधि हैं.

यहां विभिन्न खाद्यान्नों और सब्जियों के करीब 12 लाख नमूने हैं जिनमें ज्वार, गेहूं, सेम, मक्का शामिल हैं
यहां विभिन्न खाद्यान्नों और सब्जियों के करीब 12 लाख नमूने हैं जिनमें ज्वार, गेहूं, सेम, मक्का शामिल हैंतस्वीर: Ludger Schadomsky/DW

वो मुस्कराते हुए कहते हैं, "तो मैं यहां हूं, इबादान और अपने खेतों से हजारों किलोमीटर दूर. यह सचमुच मेरे लिए बहुत अच्छा दिन है. लगता है मैं सातवें आसमान पर हूं."

पादप वैज्ञानिक अपने बैग में लोबिया, ज्वार और भिंडी के बीज लेकर आए हैं जो कि लाखों अफ्रीकियों के लिए भोजन का काम करेंगे. जब वह कन्वेयर बेल्ट पर बीजों के बक्से जमा कर रहे थे तभी उनके जाम्बियन साथी ग्रेबिल मुंकोम्ब्वे जानबूझकर सिर हिलाने लगते हैं.

इन बक्सों में दक्षिणी अफ्रीका के बीज शामिल हैं, जैसे- ज्वार, सेम और चावल. मुंकोम्ब्वे कहते हैं, "ये वो पौधे और उनसे जुड़ी सामग्री है जिसे हमारे किसान पीढ़ियों से उपयोग कर रहे हैं- न केवल भोजन के रूप में, बल्कि औषधीय और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए भी. इन्हें यहां गोदाम में रखने का मतलब हमारी राष्ट्रीय विरासत को संरक्षित करना है. यदि घर पर कुछ भी बुरा होता है, तो हम यहां संग्रहित डुप्लिकेट का इस्तेमाल कर सकते हैं."

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स्वालबार्ड ‘दुनिया का सबसे सुरक्षित स्थान'- कब तक?

स्वालबार्ड कई कारणों से बीजों के लिए एक आदर्श भंडारण स्थल है. एक तो नॉर्वे किसी युद्ध में शामिल नहीं है. 1920 में हस्ताक्षरित स्वालबार्ड संधि के अनुसार, स्वालबार्ड एक विसैन्यीकृत क्षेत्र है. यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से स्थिर है, यह किसी भूकंप जोन में नहीं है, यहां ज्वालामुखी नहीं हैं. इसके अलावा, सीड वॉल्ट समुद्र तल से 130 मीटर ऊपर स्थित है, जो इसे बाढ़ से बचाता है.

सीड वॉल्ट यानी बीज गोदाम लॉन्गइयरब्येन के ऊपर अप्रयुक्त कोयला खदानों की ढलानों पर है. यहां पहुंचकर, मुंकोम्ब्वे ने अपनी मोटी लाइन वाली शीतकालीन जैकेट को बंद किया. लुसाका स्थित उनके कार्यस्थल और स्वालबार्ड के बीच तापमान का अंतर 36 डिग्री सेल्सियस है. वहां पहुंचकर आसडाल ने गोदाम का न्यूमेरिक लॉक खोला. उन्होंने वहां वैज्ञानिकों के समूह को बुलाया जो गोदाम के अंदर एक दुर्लभ दृश्य देखने के लिए प्रवेश द्वार के आस-पास जुटे थे.

66 साल के जीववैज्ञानिक और कृषिवैज्ञानिक आसडाल कहते हैं, "यह मेरे लिए दिलचस्प है कि दुनिया भर के बीज बैंक हम पर भरोसा करते हैं और अपने बीज हमारे पास भेजते हैं. और नए लोग भी आते रहते हैं क्योंकि वे अच्छी तरह से जानते हैं कि हम यहां उनकी सामग्री की बहुत अच्छी देखभाल करते हैं."

स्टेफान श्मिट्ज जर्मन शहर बॉन स्थित ग्लोबल क्रॉप डायवर्सिटी ट्रस्ट फंड, संक्षेप में क्रॉप ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक हैं. यह संगठन जैव विविधता की रक्षा करने वाले जीन बैंकों के एक पूरे नेटवर्क का सहयोग करता है जिसमें जाम्बिया और नाइजीरिया के अफ्रीकी बैंकों के साथ ही घाना, केन्या और इथियोपिया के बैंक शामिल हैं.

आधुनिक कृषि बीजों के चयनित किस्मों और नस्लों पर निर्भर करती है. हालांकि, मूल पौधों की आनुवंशिक विविधता लुप्त होने का खतरा है. जबकि वैश्विक जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए, आने वाले वर्षों में इस विविधता की जरूरत होगी, क्योंकि जंगली प्रजातियां ज्यादा प्रतिरोधी होती हैं. श्मिट्ज के शब्दों में, "जलवायु परिवर्तन के समय में, हम इस आनुवंशिक विविधता की बड़ी मात्रा को हमेशा के लिए खोने का जोखिम नहीं उठा सकते."

सीड वॉल्ट के विशेषज्ञों ने साल 2016 में जलवायु परिवर्तन के परिणामों को उस वक्त प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया जब असामान्य रूप से भारी वर्षा के कारण पानी वॉल्ट के सामने वाली सुरंग में प्रवेश कर गया जबकि उसे अच्छी तरह से सील किया गया था.तब से, कीमती बीजों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा और सावधानियां बरती गई हैं. आसडाल जोर देकर कहते हैं, "अब गोदाम पहले से कहीं अधिक सुरक्षित है." लेकिन क्या सचमुच यही मामला था?

बीज भंडार और जलवायु परिवर्तन, संकट, आपदाएं

स्वालबार्ड के पर्माफ्रॉस्ट में दिखाई गई पौधों की विविधता के लिए जलवायु परिवर्तन ही एकमात्र खतरा नहीं है. बढ़ते भू-राजनीतिक उथल-पुथल के कारण वनस्पतिशास्त्री और जीवविज्ञानी भी बहुत चिंतित हैं. अभी कुछ समय पहले सीरिया के अलेप्पो में एक महत्वपूर्ण बीज बैंक वहां चल रहे गृहयुद्ध की वजह से नष्ट हो गया था. और अभी हाल ही में, नागोर्नो काराबाख इलाके में राजनीतिक तनाव की वजह से आर्मेनिया से बीज जमा होने में देरी हुई है.

भारतस्थित इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) के कुलदीप सिंह ने भी नॉर्वे में आर्कटिक की लंबी यात्रा की है. वो कहते हैं, "जलवायु परिवर्तन के अलावा राजनीतिक अस्थिरता भी आनुवंशिक विविधता को नुकसान पहुंचाती है." इस्राएल-हमास युद्ध का जिक्र करते हुए कुलदीप सिंह कहते हैं, "हम इस पर बहुत बारीकी से नजर रख रहे हैं. उदाहरण के लिए, इस्राइल के पास एक उत्कृष्ट बीज बैंक है. यदि मौजूदा संघर्ष में वहां कुछ होता है, तो हम पूरा स्टॉक खो सकते हैं."

क्रॉप ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक श्मिट्ज भी यही बात कहते हैं, "अफ्रीका सहित दुनिया भर में बढ़ते संघर्षों से दबाव बढ़ता है जिसके बारे में हर किसी को जागरूक होना चाहिए, हमें जल्दी से कार्रवाई करनी चाहिए." श्मिट्ज विशेष रूप से अफ्रीका में बीज बैंकों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं, "वे अक्सर बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित नहीं होते हैं. उनके पास पैसा और कर्मचारी नहीं है. इसका मतलब यह है कि वहां स्टोर खजाने किसी भी समय गायब हो सकते हैं और यदि वे गायब हो जाते हैं, तो उन्हें नष्ट किया जा सकता है."

दुनियाभर के बीज इस वॉल्ट में स्टोर किए गए हैं
दुनियाभर के बीज इस वॉल्ट में स्टोर किए गए हैंतस्वीर: Ludger Schadomsky/DW

इस जगह भी राजनीति?

वैश्विक राजनीति कितनी तेजी से इस अलग-थलग क्षेत्र स्वालबार्ड में भी प्रवेश कर सकती है, इसका एहसास यूक्रेन में रूस के युद्ध की शुरुआत में ही हो गया था. जब फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया तो करीब 400 रूसी और यूक्रेनी लोग पिरामिडेन और बैरेंट्सबर्ग में काम कर रहे थे. स्वालबार्ड में इन दोनों कम्युनिटीज का संचालन रूसी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी ट्रस्ट आर्कटिकुगोल करती है.

तब से करीब आधे श्रमिकों ने आंशिक रूप से स्वालबार्ड छोड़ दिया है क्योंकि नॉर्वे के टूर ऑपरेटरों ने रूसी उत्पादों और सेवाओं के बहिष्कार का आह्वान किया है. आर्कटिक के पड़ोसी नॉर्वे, डेनमार्क (ग्रीनलैंड), कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका युद्ध की शुरुआत के बाद से इस क्षेत्र में रूस की कच्चे माल की महत्वाकांक्षाओं पर सतर्क नजर रख रहे हैं.

स्वालबार्ड के गवर्नर लार्स फॉज ने डीडब्ल्यू को दिए एक बयान में बताया, "हम स्वालबार्ड सीड वॉल्ट की सुरक्षा को भूराजनीतिक रूप से खतरे में नहीं मानते हैं."

लेकिन नॉर्वे सरकार की वॉल्ट कमिश्नर ग्रेटे एवजेन अपनी चिंता को छिपा नहीं पाती हैं. वो कहती हैं, "हम स्थिति पर बहुत करीब से नजर रख रहे हैं क्योंकि फिलहाल हम वास्तव में नहीं जानते कि दुनिया में और क्या हो सकता है. इसलिए हमें बीजों के डुप्लिकेट की बिल्कुल जरूरत है ताकि वे केवल एक ही स्थान पर स्टोर न हों."

वो मुस्कराते हुए कहती हैं, "हालांकि अभी कई चीजें अनिश्चित लग रही हैं, लेकिन यह जगह निश्चित रूप से सबसे ज्यादा सुरक्षित है."